क्या आप गणेश-लक्ष्मी स्तोत्र के बारे में जानते हैं? यह एक संस्कृत स्तोत्र है जिसमें श्री गणेश और देवी लक्ष्मी की आराधना की गयी है। इस स्तोत्र का पाठ सामन्यतः संपत्ति, समृद्धि, सुख और सौभाग्य प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
गणेश लक्ष्मी स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित
ॐ नमो विघ्नराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने ।
दुष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने ॥ १॥
अर्थ – मैं विघटनाओं के स्वामी, सर्व-सुखदाता, दुरात्माओं और दुर्भाग्य के नाशकर्ता, परात्पर और परमात्मा भगवान श्री गणेश को प्रणाम करता हूँ।
लम्बोदरं महावीर्यं नागयज्ञोपशोभितम् ।
अर्धचन्द्रधरं देवं विघ्नव्यूहविनाशनम् ॥ २॥
अर्थ – जो लम्बोदर हैं, जो महावीर हैं, जिन्होंने यज्ञ की अग्नि को निगल लिया, जिनके गले में अर्धचंद्र है, जो विघटनाओँ और बाधाओं का नाश करते हैं, मैं उन्हें प्रणाम करता हूँ।
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः हेरम्बाय नमो नमः ।
सर्वसिद्धिप्रदोऽसि त्वं सिद्धिबुद्धिप्रदो भव ॥ ३॥
अर्थ – मैं हेरम्बाय (कमज़ोर और अच्छे लोगों के रक्षक), भगवान गणेश को नमस्कार करता हूँ। आप सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाले हैं; कृपया मुझे सिद्धि और बुद्धि प्रदान करें।
चिन्तितार्थप्रदस्त्वं हि सततं मोदकप्रियः ।
सिन्दूरारुणवस्त्रैश्च पूजितो वरदायकः ॥ ४॥
अर्थ – मैं उनकी स्तुति करता हूँ जो चिंता का नाश करते हैं, जिनके लिए मोदक अति प्रिय हैं। मैं उनकी पूजा करता हूँ, जो सिंदूर से रंगे हुए हैं, जो वरदान देने वाले हैं।
इदं गणपतिस्तोत्रं यः पठेद्भक्तिमान्नरः ।
तस्य देहं च गेहं च स्वयं लक्ष्मीर्न मुञ्चति ॥ ५॥
अर्थ – जो कोई भी इस स्तोत्र का पाठ सम्पूर्ण भक्ति-भाव से करता है। उसके शरीर और घर को स्वयं देवी लक्ष्मी नहीं छोड़ती।
गणेश लक्ष्मी स्तोत्र क्या है?
गणेश लक्ष्मी स्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो हिन्दू धर्म में पूजे जाने वाले श्री गणेश और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इस स्तोत्र का पाठ भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनके अशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
इस स्तोत्र की रचना अदि शंकराचार्य ने की थी जो कि एक महान संत थे। यह स्तोत्र सौंदर्य लहरी के 108 स्तोत्रों में से एक है जो देवी लक्ष्मी की स्तुति का एक संग्रह है।
स्तोत्र की शुरुआत गणेश जी की प्रार्थना से होती है जिसमे उन्हें विघ्नहर्ता (विघ्नों और बाधाओं को दूर करने वाले) और मंगल देवता (शुभता के प्रतीक) के रूप में सम्बोधित किया जाता है। और स्तोत्र देवी लक्ष्मी की प्रार्थना में तब परिवर्तित हो जाता है जब उन्हें धनेश्वरी (धन की देवी) और समृद्धि देवी (समृद्धि की देवी) के रूप में सम्बोधित किया जाता है।
गणेश लक्ष्मी स्तोत्र पाठ करने की विधि:
गणेश लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने की प्रक्रिया काफी सरल है। स्तोत्र पाठ करने के पहले आपको चाहिए:
- एक शांत जगह
- एक दिया
- अगरबत्ती
- फूल
- गणेश जी और देवी लक्ष्मी जी की प्रतिमाएं
जब आप ऊपर साझा की गयी वस्तुओं को एकत्रित कर लें तब नीचे दिए गए चरणों पालन कर सकते हैं:
- स्नान करें और स्वच्छ कपडे पहन लें।
- दिया, अगरबत्ती जलाएं और फूल चढ़ाएं।
- श्री गणेश और देवी लक्ष्मी जी की प्रतिमाओं के सामने बैठ जाएँ।
- स्तोत्र को धीरे-धीरे और स्पष्ट उच्चारण के साथ पाठ करना शुरू करें।
- स्तोत्र का पाठ करने के बाद श्री गणेश और देवी लक्ष्मी जी की आरती करें।
गणेश लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने के लिए कुछ तथ्य भी है जिनका अनुसरण आप कर सकते हैं:
- गणेश लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने का सबसे उत्तम दिन बुधवार है जो श्री गणेश का दिन होता है।
- गणेश लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने का सबसे अच्छा स्थान मंदिर है, लेकिन आप इस स्तोत्र का पाठ घर पर किसी शांत स्थान पर भी कर सकते हैं।
- स्तोत्र का पाठ शुरू करने के पूर्व आपको गणेश और लक्ष्मी जी की प्रार्थना जरूर करनी चाहिए।
- जब आप स्तोत्र का पाठ पूरा कर लें तब आप गणेश और लक्ष्मी जी की आरती जरूर करें।
गणेश लक्ष्मी स्तोत्र के लाभ
- धन और समृद्धि: गणेश लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से भक्त को श्री गणेश और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है जो कि धन और समृद्धि के देवता हैं।
- सफलता की प्राप्ति: इस स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति को अपने जीवन में सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है।
- सुख और समृद्धि: इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन की आर्थिक तंगी दूर होती है और सुख, समृद्धि के अवसर मिलते हैं।
- बाधाओं का नाश: यदि व्यक्ति अपने जीवन में अत्यधिक कठिनाईओं और बाधाओं का सामना कर रहा है तो इस स्तोत्र के पाठ से उसके जीवन में बाधाओं का नाश होना शुरू हो जायेगा।
- ज्ञान और बुद्धि: श्री गणेश विवेक और बुद्धि के देवता हैं। जिनका पाठ करने पर आपके बुद्धि में वृद्धि होगी और आपकी अधीरता (धैर्य न रखना) में कमी होगी। साथ ही आपके सही निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ेगी और आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एकाग्र हो पाएंगे।
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गणेश स्तोत्र PDF कैसे डाउनलोड करें?
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